ऑनलाइन पाठकों को खाने-पीने की सभी शैलियों से परिचित कराने के लिए कड़ाही.कॉम की शुरुआत की जा रही है।
मुझे याद आ रही वह शाम जब घर पर ही मैं धर्मेंद्र कुमार, संपादक, मीडियाभारती.कॉम, के साथ कुछ व्यंजन और उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में बातचीत कर रहा था। बातचीत के बीच उन्होंने जिक्र किया कि हमारे समाज में खाने-पीने को विलासिता की चीज माना जाता है... और माना भी क्यों न जाए... जिस देश में एक बड़ी संख्या में लोग भूखे ही सो जाते हों वहां इस प्रकार की धारणा बनना कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए ‘अभावग्रस्त’ कहे जाने वाले लोगों से जोड़कर खाने-पीने का एक अभियान शुरू किया जाना चाहिए।
लंबी बातचीत के बाद तय हुआ कि क्यों न एक ऐसा मंच बनाया जाए जहां खाने-पीने से संबंधित सभी विचार-विमर्श हों और खाने-पीने की हर शैली का पूरा विवरण मिले और इतना ही नहीं उन अभावग्रस्तों के लिए भी कुछ हो जो अभी अच्छे खाने-पीने से कोसों दूर हैं। कड़ाही.कॉम का जन्म हो चुका था...
कड़ाही.कॉम के जरिए आनेवाले वर्षों में कई ऐसे आयोजन करने का प्रावधान रखा जा रहा है जिससे खाने-पीने को उन लोगों से भी जोड़ा जा सके जिनके लिए यह शौक का विषय नहीं है।
अब मैं जिक्र करूंगा कड़ाही.कॉम में समाविष्ट तत्वों का... शुरुआत करते हैं लोगो से... इसमें कड़ाही की एक तस्वीर है तथा रंगीन अक्षरों में कड़ाही.कॉम लिखा है... जो दुनियाभर के खान-पान में मौजूद विभिन्नता को दर्शाता है।
पाठकों को सरल नेविगेशन मुहैया कराने के लिए तीन मीनू रखे गए हैं। पहले, टॉप मीनू में होम, लेख, हमारे बारे में और प्रतिक्रिया के लिए लिंक दिए गए हैं। दूसरे, मुख्य मीनू में स्नैक्स, सूप, दाल-सब्जियां, मांसाहार, अंडे, रोटी, चावल, सलाद, मिठाइयां, शरबत और शराब से जुड़े लिंक दिए गए हैं।
तीसरे मीनू में हमारी अन्य सेवाओं और सहयोगी वेबसाइटों के लिंक दिए गए हैं।
साइट के मुख्य भाग में खान-पान से संबंधित चार प्रमुख आलेख दिए जाएंगे। इनमें आपको इंटरनेट पर मौजूद प्रसिद्ध चेहरों द्वारा रचित लेख, फोटो गैलरी और विशेष आलेख देखने और पढ़ने के लिए मिलेंगे।
दायीं ओर खान-पान से जुड़े नवीनतम वीडियो प्रदर्शित किए जाएंगे।
बहुत ज्यादा संख्या में विज्ञापनों से होने वाली परेशानी से बचने के लिए इसके लिए केवल दो मॉड्यूल रखे गए हैं। सभी विज्ञापन इन्हीं मॉड्यूलों में दिखाए जाएंगे। पॉप अप पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
साइट के नए रंग रूप को आपके सामने लाने में महीनेभर की अथक मेहनत में मेरे कई दोस्तों ने मेरी अविस्मरणीय मदद की है। लोगो डिजायनिंग और रंग संयोजन में मेरी मदद जानी-मानी वेब डिजायनर आरती वर्मा ने की है। शेष डिजायनिंग और विषयवस्तु के लिए मैं अपनी छोटी बहन उत्प्रेरणा गुप्ता, अभिन्न मित्र अंकुश बादोनी के योगदान को नहीं भुला सकता। तकनीक और विषय सामग्री के लिए मैं धर्मेंद्र कुमार का हमेशा अभारी रहूंगा।
और हां...मेरे नानाजी और नानीजी द्वारा लगातार रखे गए मेरे खयाल को मैं कैसे भूल सकता हूं...
मेरी मम्मी सविता गुप्ता और पापा महेंद्र कुमार वार्ष्णेय का आशीर्वाद, जो हर वक्त मेरे साथ रहता है...
और हां... वे विघ्न भी याद हैं जो मेरी छोटी बहिन रोहिणी-रुक्मणि और प्रशांत, मयंक ने खड़े किए...
शुभकामनाओं सहित
रजत वार्ष्णेय
संपादक
कड़ाही.कॉम
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