धर्मेंद्र कुमार
देशभर में होली की धूम है। बीते हफ्ते संसद में पेश हुए बजट के बाद अपनी जेब को हल्का महसूस कर रहे लोग सब कुछ भूल-भालकर होली के रंगीन माहौल में डूबे हुए नजर आए। रंगों की ऐसी बरसात हो रही है कि किसी का चेहरा पहचानने लायक नहीं रह गया है। कोई नीला तो कोई लाल, हरा और पीला हो चुका है।
देश के विश्व प्रसिद्ध घाटों, गलियों और सड़कों पर आम लोगों के साथ विदेशी पर्यटक भी नगाड़ों तथा ढोलकों की थाप पर होली गाते-नाचते और एकदूसरे पर रंग उड़ेलने में व्यस्त दिखे।
फिल्मी और लोक धुनों पर मानो पूरा देश ही भांग और ठंडई पीकर झूम रहा हो। जहां देखिए वहां लोग एक दूसरे के घरों में पहुंचकर रंग और अबीर आपस में मलते-रगड़ते नजर आ रहे हैं।
लोग सुबह से ही टोलियां बनाकर निकल पड़े तथा अपने मित्रों के घरों पर दस्तक देने लगे। जो लोग अपने घरों से स्वयं नहीं निकले उन्हें मनाकर या डराकर घरों से बाहर निकाला गया और फिर अपनी टोली में शामिल कर लिया गया।
गंगा के घाटों पर तो अजब मस्ती छाई हुई है। विदेशी पर्यटक भी अपने को नहीं रोक सके और रंगों में सराबोर होकर उन्होंने भी मल्लाहों तथा स्थानीय लोगों के साथ ठुमके लगाए।
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